दोनों मुस्लिम भाइयों (युसूफ व इरफान ) की जय हो :--------------------------------------------------------------- श्रीलंका को तीन विकेट से मात देने वाले दोनों पठान बंधुओं ने आज सवासौ करोड़ हिंदुस्तानिओं का सर गर्व से ऊँचा कर दिया है जब दोनों पठान बंधू खेल रहे थे तब हम हिंदूओं का दिल भी खुशी से धड़क रहा था तब हम हिंदू - मुस्लिम में भेद-भाव क्यों करते हैं श्रीराम सेना व विश्व हिंदू परिषद् जैसे संगठनों को कट्टर भाषा का त्याग कर प्रेम व सौहार्द की भाषा अपनानी चाहिए चंद्रसागर |
Tuesday, February 10, 2009
दोनों मुस्लिम भाइयों (युसूफ व इरफान ) की जय हो :
मै कथा क्यों सुनाता हूँ :
मै कथा क्यों सुनाता हूँ : १) जीवन में आनंद व खुशी कौन नही चाहता यदि सत्संग व पूजा पाठ से मन को खुशी मिलती है तो आपत्ति क्यों २) लोग शराबबंदी का आन्दोलन चलाते हैं किंतु मानता कोई नही व्यास -पीठ से एकबार आहवान मात्र से लोग पीना छोड़ देते हैं क्या इह पर्याप्त नही ३) देश में लूट व बलात्कार की घटनाएं निरंतर बढ रही हैं सत्संग के द्वारा मनुष्य की दृष्टि व सोच बदल जाती है जब काम दृष्टि राम - दृष्टि में परिणत हो जाता है तो वहा परनारी में भी माँ- बहन का दर्शन करता है क्या यह बहुत बड़ा उपकार नही ४) जितनी अवधि वह सत्संग में विराजता है उतनी अवधि तक वह बीडी -सिगरेट तम्बाकू मांस-मदिरा यहाँ तक कि वह मच्छर मारने से भी बचता है व्यक्ति को पाप करने से रोकना क्या पाप है ५) टी वी. के माध्यम से नग्न- संस्कृति के चलते यदि शास्त्र के माध्यम से भारतीय - संस्कृति का प्रचार - प्रसार किया जाय तो इसमे ग़लत क्या शास्त्र- सम्मत आचार-विचार से तो मनुष्य कि आयुष्व कि वृद्धि करके स्वस्थ जीवन जीने का मंत्र प्रदान करता है. ६) आज वृद्ध माता -पिता उपेक्षित हो रहे हैं यदि भक्ति का पाठ पढाकर उन्हें पितृभक्त व देशभक्त बनाया जाए तो क्या यह सबसे बड़ी राष्ट्रभक्ति नही होगी ७) बलि प्रथा दहेज़ प्रथा बाल विवाह आदि कुप्रथाओं को शास्त्रीय माध्यम से रोकना क्या अपराध है और यह सब मै भागवत कथा के माध्यम से करता हूँ और अन्तिम श्वांस तक करता रहूँगा मेरे इस आन्दोलन का नाम है " अंतर्राष्ट्रीय भगवत्प्रेम प्रचार समिति " इस आन्दोलन में शामिल होने के लिए संपर्क करें. शेष भगवत कृपा ! मुझे गर्व है कि मै हरि कथा के माध्यम से राष्ट्र की सेवा कर रहा हूँ चंद्रसागर |
Sunday, February 8, 2009
मूर्खों का कट्टरवाद ही आतंकवाद है :
मूर्खों का कट्टरवाद ही आतंकवाद है :
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आज देश में सर्वत्र "वाद " का प्रभुत्व छाया हुआ है , जैसे - जातिवाद, भाषावाद , पंथवाद, क्षेत्रवाद ,
और सबसे ऊपर है -आतंकवाद
कोई मूर्ख कहता है - महाराष्ट्र मराठिओं का है , बिहार बिहारिओं का है ,
तमिलनाडु तमिलों का है , बंगाल बंगालिओं का है , तो फ़िर बताईये -
हिंदुस्तान किसका है ?
जब आजादी की लड़ाई में हिंदू- मुस्लिम , गुजराती, मराठी, बंगाली,
पंजाबी सभी का सहयोग रहा है , तो फ़िर संपूर्ण भारत पर सबका
समान अधिकार क्यों नही ?
एक शब्द और है - "धार्मिक -कट्टरवाद "
पता नही किस मूर्ख ने इस शब्द को प्रचलित किया
क्यों की व्यक्ति यदि धार्मिक है तो कट्टर नही होगा,
और यदि कट्टर है तो धार्मिक नही होगा
धार्मिक सदैव सहिष्णु और सुहृद होता है , वह कभी कट्टर हो ही नही सकता
कट्टरवाद का ही दूसरा नाम -आतंकवाद है
इसलिए समस्त "वाद" भूलकर केवल मानव सेवा का लक्ष्य मानकर
प्रभु - कृपा से आबाद रहिये मानव का शरीर मिला है इसलिए प्रभु का
धन्यवाद् कीजिये जय श्री कृष्ण ! चंद्रसागर
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आज देश में सर्वत्र "वाद " का प्रभुत्व छाया हुआ है , जैसे - जातिवाद, भाषावाद , पंथवाद, क्षेत्रवाद ,
और सबसे ऊपर है -आतंकवाद
कोई मूर्ख कहता है - महाराष्ट्र मराठिओं का है , बिहार बिहारिओं का है ,
तमिलनाडु तमिलों का है , बंगाल बंगालिओं का है , तो फ़िर बताईये -
हिंदुस्तान किसका है ?
जब आजादी की लड़ाई में हिंदू- मुस्लिम , गुजराती, मराठी, बंगाली,
पंजाबी सभी का सहयोग रहा है , तो फ़िर संपूर्ण भारत पर सबका
समान अधिकार क्यों नही ?
एक शब्द और है - "धार्मिक -कट्टरवाद "
पता नही किस मूर्ख ने इस शब्द को प्रचलित किया
क्यों की व्यक्ति यदि धार्मिक है तो कट्टर नही होगा,
और यदि कट्टर है तो धार्मिक नही होगा
धार्मिक सदैव सहिष्णु और सुहृद होता है , वह कभी कट्टर हो ही नही सकता
कट्टरवाद का ही दूसरा नाम -आतंकवाद है
इसलिए समस्त "वाद" भूलकर केवल मानव सेवा का लक्ष्य मानकर
प्रभु - कृपा से आबाद रहिये मानव का शरीर मिला है इसलिए प्रभु का
धन्यवाद् कीजिये जय श्री कृष्ण ! चंद्रसागर
Sunday, February 1, 2009
मानव जीवन का परम लक्ष्य भगवत्प्रेम की प्राप्ति:
मानव जीवन का परम लक्ष्य भगवत्प्रेम की प्राप्ति: आप अपने बच्चों को पढाते हैं, क्या उन्हें जीवन का लक्ष्य बतलाते हैं? यदि नौकरी करके पेट भरना ही जीवन का लक्ष्य है , तो पेट तो पशु भी भरते हैं मानवीय लक्ष्य्नों जैसे सत्य , इमानदारी , दया व जीव मात्र के प्रति यदि प्रेम भाव नही तो हम पशु समान ही हुए सत्यम का मालिक करोड़पति होकर भी चोर है, मुंबई का आई. पी.एस अधिकारी साजी ड्रग्स के धंधे में लिप्त है क्या ये पशु से भी अधिक नही हैं ?यदि सबके प्रति प्रेम होता तो अपने राष्ट्र से भी प्रेम होता जीव मात्र के प्रति प्रेम ही भगवत प्रेम में परिणत हो जाता है जिनके जीवन में प्रभु शरणागति का टिकेट प्राप्त हो जाता है , उनके जीवन में रोग, शोक, और भय नही होता यदि आप रोग, शोक और भय से मुक्त होना चाहते हैं तो तत्काल प्रभु शरणागति का टिकेट प्राप्त कर लीजिये प्रेम से गाइए :हरे कृष्ण हरे कृष्ण ,कृष्ण- कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम , राम -राम हरे हरे शेष फ़िर .... चंद्रसागर
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